आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं उजाड़ के आशियाने दूसरों के घर अपना बनाता कोई नहीं लुप्त करे जो प्रजातियां जीवों की इससे बड़ा स्वार्थी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं ऐसे भी हैं बहुत से आदमी जो पशु प्रेमी कहलाते हैं आशियाना भी देते हैं खाना भी कोई पशुओं के लिए गौशाला बनवाता है तो कोई बेघर मुसाफिरों के लिए घर्मशाला जो दे छत पे दाना पानी परिंदों को और छत के नीचे खाना पानी पशुओं और बेघरों को उससे बड़ा रखवाला कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी आदमी को न समझे तो पशु पक्षियों और जानवरों कैसे समझे कहता आदमी अभिमान से आदमी जैसा कोई नहीं सच तो ये है की आदमी से बड़ा पापी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी चाहे तो आदमी को जानवर से भी बदतर बना दे आदमी को कुत्ता बना दे कुत्ते को आदमी बना दे आंबेडकर के नाम पे इंसानियत का ढोंग करने वालों से बड़ा ढोंगी कोई नहीं
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