आइये मेहरबान कदरदान आइये मेहरबान-कदरदान ये है अपने देश की आन-बान और शान मौसम की आड़ मैं दम तोड़ता किसान वैसे तो सब कहते हैं जय जवान-जय किसान दे देता जो देश की रक्षा मैं अपनी जान पर इनके लिए नहीं खड़े होते किसी के कान आइये मेहरबान-कदरदान ये है अपने देश की आन-बान और शान मौसम की आड़ मैं दम तोड़ता किसान ख़राब मौसम की मार ऐसी पड़ी है देखो फसल मेरी बर्बाद हुई पड़ी है कठिन परिश्रम करते खेतों मैं देते हैं पानी और खाद कभी ओले-कभी पाला और कभी बिन मौसम बरसात यहाँ नींद उड़ी है किसानों की और बेफिक्र सो रहा हाईकमान आइये मेहरबान-कदरदान ये है अपने देश की आन-बान और शान मौसम की आड़ मैं दम तोड़ता किसान गर ख्याल हमारा न रखोगे तो इस देश का क्या होगा अकाल पड़ेगा देश मैं वो जमीन-ऐ-मंजर क्या होगा हमने तो बंजर जमीन पर भी फसल उगाये हैं तभी तो ये खेत-खलिआन हमारे लहलहाए हैं यहीं भरपेट खाने को यहीं सोने की खान अभी नहीं जागे भूखे तो भूखा सोयेगा इंसान आइये मेहरबान-कदरदान ये है अपने देश की आन-बान और शान मौसम की आड़ मैं दम तोड़ता किसान लेखक
This is my best blog known as Hindi Poems. In this blog, Hindi Poems will be made aware of all the facts related to Hindi Poems, Corona Specials, Nature,spirituality, Love, social ,Family, politics. Hello to all my world friends! I need your guidance so that Hindi Poems boost my confidence in this way.