कैसो गजब भयो -कोरोना स्पेशल -3 कैसो गजब भयो रे भइया कैसो गजब भयो दुनिया न कर पाए रही अब तक कोरोना तैनै कर दयो गंदे नालों में तब्दील हो गए थे जो कभी निर्मल जलधारा बहि रही रजवाहों मैं जल परदूषण कम भयो आजकल तो हवा भी काफी साफ़ - सुथरी है दम घुटता था कभी पर्टिक्युलर मैटर बढ़ने से पेड़ , पक्षी , जानवर सब मस्ती मैं झूम रयो घर के काम - धाम मैं हाथ नहीं बंटाता था जो कभी कभी बच्चों को खिलाये रयो तो कभी बर्तन मांज रयो कैसो गजब भयो रे भइया कैसो गजब भयो बैकुण्ठनाथ पेले जाये रहे लक्ष्मी जी को आराम भयो सिगरेट वाला बीड़ी पे आया गुटखा वाला तम्बाकू पे और अंग्रेजी वाला देसी को तरस गयो गजब आलम है ये नशे पत्ते का पेटियां भर - भर के आती थीं कहीं अता पता नहीं अब उस गत्ते का अब तो हर नसैड़ी खाली बोतल को देखकर बूँद बूँद को मचल रयो कैसो गजब भयो रे भइया कैसो गजब भयो भोला भांग वो सारा पी गया और मैं गांजे को देख रयौ क्या कहूं मैं अब अपने इस बड़बोले मुंह से गलत - सलत निकल गयौ तो समझो ड
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