आज की ये जो नई-नई सरकार है-खिलाडी एक से एक बढ़कर आज की ये जो नई-नई सरकार है तमाम चुनौतियों से घिरी हुई ये नई-नई सरकार है नहीं कोई ऐसी जादू की छड़ी जो कर दे कोई चमत्कार कभी जनता की बेलगाम उम्मीदें कभी कोर्ट की फटकार है नई है नेता की कुर्सी और नई है जनता की सरकार नई-नई राहें हैं मुश्किल भरी और नया-नया चुना गया नेता है पुराने तो खिसक लिए दुम दबाकर ये आज का नया विजेता है मैं तो फ्रेशर हूँ राजनीति के अखाड़े का मुझे भी तो मौका दो कुछ दांव पेंच आजमाने का खजाना तो देश का अनुभवी गए डकार काम कुछ करते-धरते नहीं सांसदों और विधायकों की ऐसी भरमार है आज की ये जो नई-नई सरकार है तमाम चुनौतियों से घिरी हुई ये नई सरकार है नहीं कोई ऐसी जादू की छड़ी जो कर दे कोई चमत्कार कभी जनता की बेलगाम उम्मीदें कभी कोर्ट की फटकार है अभी तो नए-नए बजट की बारी आनी है जनता की उम्मीदों पर खरा उतरा तो ठीक वार्ना पक्ष-विपक्ष के बीच होनी खींचा तानी है कुछ कड़े कदम भी उठाने हैं कुछ नरम रूख अख्तियार भी करने हैं कभी आम आदमी को खुश करना है तो कभी अमीरों के घर डगमगाने हैं
आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं उजाड़ के आशियाने दूसरों के घर अपना बनाता कोई नहीं लुप्त करे जो प्रजातियां जीवों की इससे बड़ा स्वार्थी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं ऐसे भी हैं बहुत से आदमी जो पशु प्रेमी कहलाते हैं आशियाना भी देते हैं खाना भी कोई पशुओं के लिए गौशाला बनवाता है तो कोई बेघर मुसाफिरों के लिए घर्मशाला जो दे छत पे दाना पानी परिंदों को और छत के नीचे खाना पानी पशुओं और बेघरों को उससे बड़ा रखवाला कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी आदमी को न समझे तो पशु पक्षियों और जानवरों कैसे समझे कहता आदमी अभिमान से आदमी जैसा कोई नहीं सच तो ये है की आदमी से बड़ा पापी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी से बड़ा सदाचारी कोई नहीं आदमी चाहे तो आदमी को जानवर से भी बदतर बना दे आदमी को कुत्ता बना दे कुत्ते को आदमी बना दे आंबेडकर के नाम पे इंसानियत का ढोंग करने वालों से बड़ा ढोंगी कोई नहीं